जब रोता था तो मुड़कर देखते नहीं थे
अब ख़ुश हूँ तो बवाल कर रहे हो
पहले चीखे भी सुनाई नहीं देती थी मेरी
अब मेरी ख़ामोशी पर भी सवाल कर रहे हो
सिर्फ मतलब पर याद करो मैं मतलबी न कहूं
मतलब तुम तो वाक़ई कमाल कर रहे हो
कुछ कसर तो छोड़ दो बाकी दुश्मनो के लिए
अपने होकर तुम मेरा क्या हाल कर रहे हो
By: Shaan-E-Azam
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