Monday 28 September 2020

Shaan-E-Shayari by Shaan-E-Azam


 इल्म सीखना हो तो किसी

आलिम को उस्ताद बना लेना 


ग़र शौक शायरी का हो तो किसी 

बेवफ़ा से दिल लगा लेना


अंग्रेजी काफ़ी है इज़्हार-ए-इश्क़ में 

जज़्बातो को बयां करने के लिए 


मगर दर्दे हिज्र को बयां करना हो तो 

उर्दू के अल्फाज़ो को सहारा बना लेना

By -Shaan-E-Azam Dehelvi 


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