इश्क़ करके तो ज़िद्दी भी
झुकना सीख जायेगा
बदलता प्यार सबको
सब्र करना सिखाएगा
बदलता वक़्त रिश्तों को
आईना दिखाएगा
बेहतर कौन है आख़िर
यह बस पैसा बताएगा
क्या कुछ नहीं बिकता है
दुनिया के बाज़ारो में,
बस देखता जा सबसे
ऊँची बोली कौन लगाएगा
सबसे महंगा बिक रहा है
झूठ इस रंगीन ज़माने में
ये सच रंग नहीं बदलता
इसे कौन मुँह लगाएगा
-शान ए शायरी
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