जो दुश्मन थे कभी मेरे
अब दुश्मनी यूँ निभाते है
हमदर्द बन कर मेरे
मेरा हाल पूछ जाते है
अब हाल नहीं पूछते
जो मेरा ख़्याल करते है
मैं भुला दूँ तुझको बस
यहीं सवाल करते है
#shaan_e_shayari #imshaan #shaan_e_azam #shayari
जो दुश्मन थे कभी मेरे
अब दुश्मनी यूँ निभाते है
हमदर्द बन कर मेरे
मेरा हाल पूछ जाते है
अब हाल नहीं पूछते
जो मेरा ख़्याल करते है
मैं भुला दूँ तुझको बस
यहीं सवाल करते है
#shaan_e_shayari #imshaan #shaan_e_azam #shayari
जीती हुई बाज़ियो को भी हारा है हमने
वक़्त ग़वाह है तारीखों से पूछलो
फ़रिश्ते ख़ामोश है तो ख़ुदा से पूछलो
मेरी ज़िद्द के आगे टिक पाता
इतनी रक़ीब की औकात न थी
मैं झुका था अपनी मोहब्बत की ख़ातिर
मोहब्बत ग़वाह है ,मेरे महबूब से पूछलो
उसके क़ुबूल बोल देने से निकाह हो जाता है
तो मुझे उसने तुमसे पहले क़ुबूल कर लिया था
ये सेहरा उतार दो तुम्हारा निक़ाह जायज़ नहीं
यक़ीन नहीं है जाओ किसी क़ाज़ी से पूछलो
महज़ हासिल कर लेना ही मोहब्बत होती
तो रांझे ,मजनू को ज़माना याद न करता
मोहब्बत सच्ची हो तो दर्द लाज़मी है
इस बात का इल्म नहीं तो शायरो से पूछलो
ख़ुशक़िस्मत हो जो समझते नहीं कलाम मेरा
होना पड़ता है बर्बाद मायने जानने के लिए
थोड़ी क़ोशिश तो करो अल्फाज़ो को समझने की
समझ न आये तो किसी बर्बाद आशिक़ से पूछलो
By Shaan E Azam Dehelvi Ansari
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#shaaneazam
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जो तू सीने में दफ़ना ले मुझको
तो तुझपे मरने को भी तैयार हूँ
आशिक़ी की हर एक हद से
गुज़रने को भी मैं तैयार हूँ ...
ज़माने के डर से नाम लेना छोड़ दूँ
ये तो मेरी आशिक़ी की तोहीन होगी
अगर तेरी भी इजाज़त न हो तो
मैं यकतरफ़ा इश्क़ करने को तैयार हूँ...
मोहब्बत की क़ीमत क्या चुकानी है
इन बातों से डराना बंद करो मुझे
तुम शायद भूल गए मुझको
मैं महँगी चीज़ो का ही ख़रीददार हूँ...
By -Shaan E Azam Dehelvi
#shaan_e_shayari