Sunday 31 May 2020


कुरेद कर अपने ज़ख्मो को 
ताज़ा कर देता  हूँ 

ज़ख्म तो भर जाते पर 
मैं भरने नहीं देता हूँ 

ये मरहम बेचने वाले 
नमक लिए फिरते है 

मौक़े की तलाश में है पर 
मैं सबको मौका नहीं देता हूँ 

दर्द होगा तभी तो चीख़ें निकलेंगी 
यही सोचकर दर्द को बढ़ने देता हूँ 

जिसने ज़ख्म दिए है मरहम वही लगाएगा 
उसके इंतज़ार में दर्द बर्दाश कर लेता हूँ 

By : Shaan-E-Azam Dehlvi


#shaan_e_shayari






Saturday 30 May 2020




कोई अफ़सोस नहीं की गैरो ने क्या बोला होगा 
ज़ाहिर है ज़हर ही उगला जब मुँह खोला होगा 

ग़म तो इस बात का है कोई अपना भी मौजूद था वहां 
जिसने महफ़िल में मेरे राज़ो को खोला होगा 

By: Shaan-E-Azam 


#shaan_e_shayari

Friday 29 May 2020



ग़र खुद की ख़ताओं का एहसास कर लेता
फिर से तू  ख़ुद को मेरे पास कर लेता...

ग़लत की पैरवी करने से बेहतर था
ग़लती मान कर दिल को साफ़ कर लेता ...

By: Shaan-E-Azam


#shaan_e_shayari

Thursday 28 May 2020


कलाम करना भी गवारा नहीं था तुझे 
आज आते-जाते लोगो को हसा रहा है

सच बता क्या किसी से इश्क़ हो गया है ?
या फ़िर दर्द-ए-हिज्र को भुला रहा है ?


By : Shaan-E-Azam Ansari 

#shaan_e_shayari

Wednesday 27 May 2020


ध्यान कहीं और है क्या ? 
कुछ परेशान सा लगता है 

तेरे लहज़े में वो बेक़रारी नहीं 
अब तू अनजान सा लगता है...

By -Shaan-E-Azam 


#shaan_e_shayari
अपने बोहोत थे मेरे 
इसी बात पर गुमान हो गया 

फिर दस्तक दी बुरे वक़्त ने और 
वो काफ़िला वीरान हो गया...



By: Shaan-E-Azam 


#shaan_e_shayari

Tuesday 26 May 2020

kabhi kabhi sochta hun by Shaan-E-Azam

Kabhi kabhi sochta huń
Tumse shikayat karuń tumhari... 

Fir yaad Aa jata hai 
Tumko awaz pasand nhi hamari... 

By : Shaan-E-Azam 

#shaan_e_shayari


हर शख़्स अपना और हर कोई ख़ास हुआ करता था

हर शख़्स अपना और 
हर कोई ख़ास हुआ करता था 
महफ़िल नहीं थी वो 
अपनो का सैलाब हुआ करता था 


आज ख़बर भी नहीं रखते 
की मैं ज़िंदा हूँ या नहीं 
जिन्हे छोटी-छोटी बातो का
हिसाब-किताब हुआ करता था 



By- Shaan-E-Azam 

#shaan_e_shayari


Monday 25 May 2020

Shaan-E-Shayari by Shaan

न सर झुकाया करते थे 
न आंसू बहाया करते थे 
खुद्दार भी इतने थे 
सबसे रूठ जाया करते थे 

हम किसी को मनाते 
इतनी किसकी औकात ?
तुम्हारे आने से पहले 
लोग हमे मनाया करते थे

By -Shaan-E-Azam 

#Shaan_E_Shayari 

Shaan-E-Shayari sad poetry

Baar Baar paas aakar door jaane Wale 
Ek baar chhodkar mujhpe ehsaan kar de... 

Ye roz roz tadpane se achcha hai 
Tu meri maut asaan kar de...  

By:  Shaan-E-Azam Ansari Dehlvi 


#shaane_e_shayari 

Sunday 24 May 2020

Shaan-E-Shayari

Shaan-E-Shayari a Personal poetry blog of Shayar Shaan-E-Azam ansar Dehlvi. Shaan Is an urdu Poet and according to him Shayari is an Art by which he can describe his emotions very beautifully such that pain can become means of pleasure to others 

#shaan_e_shayari 


Shaan E Shayari 


Sad shayari by Shaan

Iss kadar Kiya nazarandaz usne 
Wo mujhko bilkul bula betha

Iss kadar masroof hua 
Gairo ko apna bna betha 

Main mna to leta usko magar 
Wo narazgi me hath chhuda betha 

Fir rootha kuchh iss tarah se 
Apna alag jahan basaa betha

Masoomiyat to dekhiye 
Akar poochhta hai Tum kahan the ?

Apni to sarri bhool gya ab
Ilzame bewafayi mujhpar laga betha 




By : Shaan-E-Azam Dehlvi 



#Shaan_e_shayari

Love shayari by Shaan-E-Azam "sirf mohabbat to sabhi mangte hai...

Sirf mohabbat to sabhi mangte hai 
Tera har rasta mujhse hona chahiye...

Nafrat bhi na kar sako kisi gair se Tum 
Tera har wasta Bass mujhse hona chahiye ...

By Shaan-E-Azam Dehlvi 


#shaan_e_shayari

Motivational Shayari by Shaan-E-Azam

उसपर नहीं !! खुदा पर भरोसा है 
उसका इंतज़ार पूरी उम्मीद से करते है 

यूँ ही नहीं रहता हाथ में मोबाइल 
बार-बार उसका मैसेज चेक करते है 

पहले तो बिना मांगे मिल गयी थी 
अब तो उसके लिए दुआ भी करते है 

फिर भी न मिले तो खुदा की मर्ज़ी 
देने वाला मालिक है हम तो बस हिल्ला करते है 

रोज़ रात को सोते ज़रूर है मायूस होकर 
सुबह नयी उम्मीद के साथ बिस्मिल्लाह करते है 

और क्यों काटू नसे  किसीके इश्क़ में ? 
अरे ईमान वाले खुदखुशी थोड़ा करते है


By- Shaan-E-Azam Dehlvi 



#shaan_e_shayari


Sad shayari by Shaan-E-Azam

उसकी बाते ज़ख़्म देती थी 
अब उसकी खामोशियाँ सता रही है ...

अब भी पुरानी तस्वीरो में वो 
मुझको देखकर मुस्कुरा रही है ...

By- Shaan-E-Azam 




#shaan_e_shayari 

Sad shayari by Shaan-E-Azam

उसकी बाते ज़ख़्म देती थी 
अब उसकी खामोशियाँ सता रही है 

अब भी पुरानी तस्वीरो में वो 
मुझको देखकर मुस्कुरा रही है ....


उसने मुझे भुलाया ,मुझमे कमी होगी 
उसकी तो याद मुसलसल आ रही है 

दफनाकर छोड़ आते है अपनों को कैसे ?
मेरे मरने से पहले ही मुझे दिखा रही है ...


गलती की होगी पर क़ुबूल कैसे करूँ ?
ऐसी सज़ा की तू मुझे छोड़ कर जा रही है 

और एक सवाल था जो पूछना है 
क्या सच में भूल पायेगी मुझे जो भुला रही है ?...


By- Shaan-E-Azam Dehlvi 



#shaan_e_shayari
Shaan-E-Shayari 


Sad shayari "Mujhko jalane ki khatir Wo dusro ko apna raha hai...


मुझको जलाने की ख़ातिर 
वो दुसरो को अपना रहा है 

उसको नहीं पता गलती से 
वो किस राह को जा रहा है

 

यूँ तो जान दे सकता हूँ 
अपनों की ख़ातिर 

पर उसका क्या करूँ 
जो गैरो में घुसा जा रहा है 




डर है इस ग़ुरूर मैं 
मुझको खो देगा वो 

अपनी हरकतों से 
अपने आप को गिरा रहा है...


By - Shaan-E-Azam Dehlvi 



#shaan_e_shayari

Eid special sad Shaan-e-shayari



Kuchh mukhtalif Surat-e-haal iss dafaa hai 

Zamane ki eid Ho gayi or mera chaand khafaa hai... 

  • By:- Shaan-e-Azam Dehlvi 



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