Shaan-E-Shayari
Saturday 30 May 2020
कोई अफ़सोस नहीं की गैरो ने क्या बोला होगा
ज़ाहिर है ज़हर ही उगला जब मुँह खोला होगा
ग़म तो इस बात का है कोई अपना भी मौजूद था वहां
जिसने महफ़िल में मेरे राज़ो को खोला होगा
By:
Shaan-E-Azam
#shaan_e_shayari
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