Sunday 24 May 2020

Sad shayari "Mujhko jalane ki khatir Wo dusro ko apna raha hai...


मुझको जलाने की ख़ातिर 
वो दुसरो को अपना रहा है 

उसको नहीं पता गलती से 
वो किस राह को जा रहा है

 

यूँ तो जान दे सकता हूँ 
अपनों की ख़ातिर 

पर उसका क्या करूँ 
जो गैरो में घुसा जा रहा है 




डर है इस ग़ुरूर मैं 
मुझको खो देगा वो 

अपनी हरकतों से 
अपने आप को गिरा रहा है...


By - Shaan-E-Azam Dehlvi 



#shaan_e_shayari

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