उसकी बाते ज़ख़्म देती थी
अब उसकी खामोशियाँ सता रही है
अब भी पुरानी तस्वीरो में वो
मुझको देखकर मुस्कुरा रही है ....
उसने मुझे भुलाया ,मुझमे कमी होगी
उसकी तो याद मुसलसल आ रही है
दफनाकर छोड़ आते है अपनों को कैसे ?
मेरे मरने से पहले ही मुझे दिखा रही है ...
गलती की होगी पर क़ुबूल कैसे करूँ ?
ऐसी सज़ा की तू मुझे छोड़ कर जा रही है
और एक सवाल था जो पूछना है
क्या सच में भूल पायेगी मुझे जो भुला रही है ?...
By- Shaan-E-Azam Dehlvi
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